उन्नाव दुष्कर्म मामले में तीस हजारी अदालत ने उत्तर प्रदेश भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर को दोषी करार दिया है।

अदालत ने कहा, शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ पीड़िता का बयान सच |



न्यायाधीश धर्मेश शर्मा की अदालत ने पीड़िता को नाबालिग मानते हुए सेंगर को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया। सह आरोपित शशि सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। अदालत ने सजा पर बहस के लिए 19 दिसंबर का दिन तय किया था, लेकिन दोषी के वकील ने मंगलवार को ही बहस करने की अपील की। अदालत ने इसे मान लिया है। फैसला सुनाए जाने के दौरान शशि सिंह बेहोश हो गई। दोषी करार दिए जाने पर कुलदीप सेंगर भी कोर्ट रूम में रोने लगा।


तीस हजारी अदालत ने जांच में कई पहलुओं पर लापरवाही बरतने के लिए सीबीआइ को लताड़ लगाई। कोर्ट ने कहा कि सीबीआइ ने साबित किया कि पीड़िता नाबालिग थी और सेंगर पर पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा सही चलाया गया था। पीड़िता द्वारा उप्र के मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखने के बाद उसके परिवार के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए और उनमें सेंगर की भूमिका भी देखी गई।