फांसी पर अब निर्णय राष्ट्रपति के हवाले

वर्ष 2012 में हुई थी वारदात : गौरतलब है कि निर्भया सामूहिक बलात्कार की घटना 16 दिसंबर 2012 को हुई थी। चोटों के चलते बाद में उसकी मौत हो गई थी। इस बर्बर घटना से राष्ट्रव्यापी रोष की लहर छा गई *थी और व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।



केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में एक दोषी की दया याचिका खारिज करने की दिल्ली सरकार की सिफारिश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। दया याचिका खारिज करने की फाइल दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे जाने के दो दिन बाद यह कदम उठाया गया है।


यह फाइल विचार करने एवं अंतिम निर्णय के लिए राष्ट्रपति को भेज दी गई है। गृह मंत्रालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में एक दोषी की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश करने वाली टिप्पणी भी फाइल में की है। सूत्रों ने कहा कि निश्चित रूप से इस तरह के जघन्य अपराध में माफी नहीं दी जा सकती। माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने भी दया याचिका खारिज करने की अनुशंसा की है। मामले के दोषियों में शामिल विनय शर्मा 23 वर्षीय छात्रा से बलात्कार और उसकी हत्या को लेकर मौत की सजा का सामना कर रहा है।


देश में दुष्कर्म के आरोपियों के खिलाफ है गुस्सा : निर्भया मामले में दया याचिका को खारिज किए जाने का कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जब हैदराबाद में 25 वर्षीय एक पशु चिकित्सिका से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या को लेकर राष्ट्रव्यापी रोष है। मामले के आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद पूरे देश में जघन्य रेप अपराध के मामलों में सख्त कानून और सजा को लेकर मांग हो रही है। संसद में भी यह मामला जोर-शोर से उठा है।


निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में दोषियों की फांसी पर राष्ट्रपति के फैसले का इंतजार है। दया याचिका खारिज होती है तो तिहाड़ में बंद चारों दोषियों को 16 दिसंबर तक फांसी दी जा सकती है। फांसी के लिए बाहर से 25 हजार रुपये देकर जल्लाद को बुलाने की तैयारी है।




तिहाड़ जेल में फांसी देने के लिए कोई जल्लाद नहीं है। जब अजफल गुरु को फांसी दी गई थी तो उसके लिए कोई जल्लाद नहीं मिला था। तब जेल अधिकारियों में से ही एक ने फांसी दी थी। निर्भया कांड के आरोपियों को फांसी की सजा देने के लिए दक्षिण भारत की जेल से जल्लाद को बुलाया जा सकता है। फांसी देने के लिए उसे 25 हजार रुपये की फीस चुकाई जाएगी।



सहमे आरोपी : हैदराबाद एनकाउंटर की सूचना तिहाड़ में टेलीविजन के माध्यम से मिलने के बाद निर्भया कांड के आरोपी सहमे हुए हैं।