कानपुर में नमामि गंगे परियोजना के तहत बने घाटों का सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा।
वहीं अटल घाट की सीढ़ियां तोड़कर फिर से बनाई जाएंगीं। नेशनल मिशन ऑफ क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र ने सख्त रुख अपनाते हुए इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआइएल) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) को दिल्ली स्थित मुख्यालय बुलाकर हिदायत दी।
अटल घाट के निर्माण में गड़बड़ी कैसे हुई? इसकी जांच कराकर पूरी रिपोर्ट जल्द मांगी। फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने इसकी पुष्टि की।
नमामि गंगे योजना के तहत ईआइएल ने वर्ष 2017 में 17 करोड़ रुपये से अटल घाट का निर्माण कराया था। वहीं, 44.30 करोड़ रुपये से कानपुर, बिठूर, बिल्हौर और शुक्लागंज के 29 घाटों का निर्माण, मरम्मत एवं शवदाह गृहों की मरम्मत कराई गई। निर्माण में कंपनी के इंजीनियरों और ठेकेदारों ने भारी लापरवाही बरती। अटल घाट की सीढ़ियां ऊंची-नीची बना दीं। सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक यह गलती ठीक उसी समय पर सबके सामने आ गई लेकिन अभी तक यह ठीक नहीं कराई गई। ऐसे ही अन्य घाटों के निर्माण में भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।
खराब इंजीनियरिंग का नमूना हैं अटल घाट की सीढ़ियां : कंपनी ने अटल घाट के निर्माण में खराब इंजीनियरिंग का नमूना पेश किया है। यहां पर तीन घाट का निर्माण कराया गया है। घाट पर प्रवेश के बाद सबसे अंतिम घाट के लिए जो सीढ़ियां बनाई गई हैं, वह बेहद ही खतरनाक हैं। इस घाट पर बनाई गई 37 सीढ़ियां जो कि पानी से बाहर हैं, उसमें चार सीढ़ियों की ऊंचाई में असामान्य अंतर है। नीचे से सीढ़ियां चढ़ते समय दूसरे प्लेटफार्म की सात नंबर सीढ़ी छह इंच ऊंची है तो आठ नंबर सीढ़ी आठ इंच है, नौवीं सीढ़ी चार इंच ऊंची है तो दसवीं सीढ़ी साढ़े तीन इंच।
इन घाटों का होगा सेफ्टी ऑडिट
शहर के घाट : परमट घाट, सरसैया घाट, भैरो घाट, मैगजीन घाट, भगवतदास घाट, गुप्तार घाट, गोलाघाट, मेस्कर घाट, कोयला व सिद्धनाथ घाट और अटल घाट, बिठूर के घाट : ब्रrावर्त घाट, पत्थर घाट, तुलसी घाट, बारादरी घाट, सीता घाट, कौशल्याघाट, भरत घाट, पांडव घाट, रानी लक्ष्मीबाई घाट, छप्पर घाट, लक्ष्मण घाट और टूटा घाट।
बिल्हौर के घाट : बंदी माता घाट, भूकैलाशा घाट, सेंग घाट, सरियन घाट व नानामऊ घाट।
शुक्लागंज उन्नाव : बालू घाट