हार गई ज़िन्दगी की जंग मौत से उन्नाव की बेटी
उन्नाव की बेटी ने 43 घंटे तक उसने जिंदगी के लिए संघर्ष किया, मगर हार गई।
रात 11: 40 बजे ली आखिरी सांस, भाई से बोली-बचने नहीं चाहिए दुष्कर्मी
उन्नाव : दुष्कर्म का केस वापस लेने से इन्कार पर केरोसिन डालकर जलाई गई बिटिया की शुक्रवार रात 11:40 बजे मौत हो गई। 43 घंटे तक उसने जिंदगी के लिए संघर्ष किया, मगर हार गई। दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर रखी गई युवती 95 फीसद तक जल चुकी थी। बेटी का इलाज कर रहे डॉ. शलभ कुमार के मुताबिक 11:10 मिनट पर दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद उसकी मौत हो गई। गुरुवार रात एयर लिफ्ट करके भर्ती कराए जाने के कुछ घंटे बाद ही उसके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। वहां पहुंचने तक होश में रही युवती ने गुरुवार रात भाई से पूछा था-भैया क्या मैं बच जाऊंगी? ..मैं जीना चाहती हूं। ..दुष्कर्मी बचने नहीं चाहिए..। इसके बाद से वह बेहोश थी। बेटी का दुर्दशा से वाकिफ उसकी मां की हालत बिगड़ गई थी। बेटी को बिना देखे ही वह घर भेज दी गई थीं। वहीं, हैदराबाद मुठभेड़ में दुष्कर्म के आरोपियों के मारे जाने के बाद पांचों आरोपितों को कड़ी सुरक्षा में शाम पौने छह बजे पेशी के बाद जेल भेज दिया गया।
गुरुवार तड़के करीब 4:30 बजे 25 वर्षीय युवती दुष्कर्म के मामले में पैरोकारी के लिए रायबरेली जा रही थी। रास्ते में छह दिन पहले ही जमानत पर छूटा दुष्कर्म का मुख्य आरोपित शिवम त्रिवेदी मिला। इसी ने युवती को शादी का झांसा देकर लालगंज में रखा था। आरोप है कि उसने दोस्त शुभम के साथ दुष्कर्म किया और इसका वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते रहे। शादी का एक इकरारनामा भी किया, पर शादी नहीं की। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का जब उसने शिवम व शुभम पर मुकदमा लिखा दिया। शिवम इसी केस में नौ महीने रायबरेली जेल में रहकर 30 नवंबर को ही छूटा था। बाहर आते ही उसने केस वापस लेने का दबाव बनाया। इन्कार करने पर उसने व उसके चार साथियों ने केरोसिन डालकर जला डाला। आग की लपटों में घिरी युवती आधा किलोमीटर तक जान बचाते दौड़ी थी। उसके बयान के आधार पर सभी आरोपित गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। इनकी पेशी से पहले हैदराबाद एनकाउंटर हो जाने से उसके दोहराव का खतरा था। इस कारण आरोपित शिवम त्रिवेदी, उसके पिता रामकिशोर, प्रधान पुत्र शुभम त्रिवेदी व हरिशंकर त्रिवेदी और उमेश बाजपेई (पंचायत मित्र) को शुक्रवार सुबह सुमेरपुर सीएचसी में मेडिकल चेकअप कराकर पुलिस बिहार थाने में बैठाए रही। पेशी शाम छह बजे उन्नाव में तब हुई, जब बाकी कोर्ट बंद हो चुकी थीं।