गृह मंत्री शाह ने विपक्ष के सवालों की उड़ाईं धज्जियां

राज्यसभा में जबरदस्त सियासी गहमागहमी के बीच चर्चित नागरिकता संशोधन विधेयक 105 के मुकाबले 125 मतों से पारित हो गया।



साथ ही साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम छह समुदायों को भारत की नागरिकता देने का कानूनी रास्ता साफ हो गया है।


गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को विधेयक पर हुई मैराथन चर्चा का जवाब देते हुए विपक्षी दलों पर नागरिकता बिल के नाम पर देश के मुसलमानों में भय और संशय पैदा करने का आरोप लगाया। उनका साफ कहना था कि यह विधेयक भारत के किसी मुसलमान की नागरिकता छीनने नहीं बल्कि इन तीन देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने से जुड़ा है। गृह मंत्री ने यह भी दोहराया कि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा नहीं होता तो इस विधेयक को लाने की जरूरत ही नहीं होती।


राज्यसभा में करीब सात घंटे की चर्चा के बाद विपक्ष के दर्जनों संशोधनों और विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के प्रस्ताव को बहुमत से खारिज कर दिया गया। राज्यसभा में विधेयक पर मतदान के दौरान शिवसेना ने सदन से बाहर रहकर इसमें हिस्सा नहीं लिया। सदन के कुल 240 में से 10 सदस्य अलग-अलग वजहों से अनुपस्थित रहे। सरकार और विपक्ष के बीच बिल को लेकर सदन में जमकर सियासी संग्राम हुआ। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रवर समिति में भेजने और अपने संशोधनों के लिए विपक्ष ने पांच बार सदन में मत विभाजन करा सरकार को वोटिंग के लिए बाध्य किया।