विस्तृत चर्चा और लगातार प्रयास की जरूरत मुकदमों को खत्म करने के लिए


अदालतों में लगे मुकदमों के ढेर को न्याय की राह में बाधा बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद कहा कि इसे समाप्त करने के लिए विस्तृत चर्चा और लगातार प्रयास करने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने सबको न्याय और सस्ता न्याय सुनिश्चित करने की भी बात कही।


राष्ट्रपति संविधान दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुकदमों का ढेर खत्म करने के प्रयासों पर राष्ट्रपति ने कहा कि वह जानते हैं कि यह एक सतत प्रक्रिया है। सूचना प्रौद्योगिकी इस दिशा में अच्छे नतीजे दे सकती है और वह यह जानकर प्रसन्न हैं कि इस दिशा में नई तकनीकी प्रयास शुरू हो चुके हैं। राष्ट्रपति ने उनके सुझाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को नौ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराए जाने पर खुशी जताई और कहा कि आने वाले दिनों में इस सूची में और अधिक भाषाएं जुड़ेंगी और आम लोग सर्वोच्च अदालत के फैसले पढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी को न्याय सुनिश्चित कराने के लिए बार, बेंच और अन्य संबंधित संस्थाओं को मिल कर प्रयास करने होंगे।


सबके लिए है कानून : इस मौके पर प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने न्याय प्रदान प्रणाली में जहां तक संभव हो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के प्रयोग की बात कही। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसमे बहुत सारे पहलू देखने होंगे। उन्होने कहा कि संविधान सिर्फ वकीलों, जजों या सरकार तक सीमित नहीं है वह सबके लिए है। प्रधान न्यायाधीश ने इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट की वार्षिक रिपोर्ट जारी की और उसकी पहली प्रति राष्ट्रपति को सौंपी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद एप भी लांच किया, यह एप विभिन्न भाषाओं में होगा जो और आम लोगों के लिए सुविधाजनक होगा।