उर्सला में गंभीर मरीजों को भर्ती कर डॉक्टर और नर्स स्टाफ समेत गायब
रविवार को खून की उल्टी कर रहे मरीज को संभालने के लिए कर्मचारियों ने डॉक्टरों के लिए बड़ी दौड़ लगाई मगर कोई नहीं मिला।
उर्सला अस्पताल में गम्भीर डेंगू मरीजों को भर्ती करके डॉक्टर गायब हैं। रविवार को खून की उल्टी कर रहे मरीज को संभालने के लिए कर्मचारियों ने डॉक्टरों के लिए बड़ी दौड़ लगाई मगर कोई नहीं मिला। वार्ड ब्वॉय ने मरीज को ऑक्सीजन दी और सांस नियंत्रित करने वाला इंजेक्शन देकर उसकी स्थिति संभाली। कर्मचारियों ने कहा कि वार्ड में न तो स्टाफ नर्स हैं और न ही डॉक्टर राउंड पर आए।
उर्सला के डेंगू वार्ड में भर्ती देशराज सिंह पहले कल्याणपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में पहले इलाज करा रहे थे। उर्सला में दो दिन इमरजेंसी में रहे। रविवार सुबह डेंगू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। देशराज सिंह की पत्नी का कहना है कि इमरजेंसी में कुछ राहत थी मगर डेंगू वार्ड में शिफ्ट करते ही हालत बिगड़ गई। सांस तेज चलने लगी और उल्टी आने लगी। तीन घंटे से तड़प रहे हैं मगर देखने वाला कोई नहीं। वार्ड ब्वाय से ऑन कॉल डॉक्टर की तलाश कराई। वह वार्ड के चौथे माले पर रेस्ट रूम में नहीं मिले। ओपीडी भवन से इमरजेंसी तक ही नहीं, बाल रोग वार्ड में भी डॉक्टर को तलाश किया गया। वार्ड ब्वॉय का कहना था कि वह काफी परेशान हो गया। मरीज की जान निकल जाएगी, क्या करें? वह सांस रोगी होने के साथ डेंगू से पीड़ित है। इसलिए मजबूर होकर उसे ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिया। साथ में सांस नियमित करने और यूरिन पास करने का भी इंजेक्शन लगा दिया। उसकी जान बचाने को और क्या कर सकते हैं? डेंगू वार्ड में 10 मरीज भर्ती हैं। इनमें दो मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाया गया है। एक बच्चा भी भर्ती है मगर स्टाफ नर्स तक नहीं हैं। सीएमएस डॉ. शैलेन्द्र तिवारी का कहना है कि इस सम्बंध में वार्ड से किसी तरह शिकायत नहीं आई है।