सर्द हवांए और बारिश के मौसम से कुछ काबू हुआ प्रदुषण


गुरुवार देर रात में चली तेज हवाओं और शुक्रवार की सुबह हुई बारिश ने शहर के वायु प्रदूषण को धो दिया। वातावरण में हानिकारक गैसों का स्तर बेहद कम हो गया है। मौजूदा सीजन में पहली बार वायु गुणवत्ता सूचकांक इतने निचले स्तर पर पहुंच सका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर प्रदूषित शहरों की सूची में पहले स्थान से खिसक कर 26वें नंबर पर आ गया। पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5), नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (एनओटू), सल्फर डाईऑक्साइड (एसओटू), ओजोन समेत अन्य गैसों का घनत्व कम हो गया है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक सुबह के समय तीन मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गई। हवा की गति पांच किलोमीटर प्रतिघंटे रही। आइआइटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. मुकेश शर्मा ने बताया कि बारिश और हवा चलने से करीब तीन दिन तक वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहतर रहेगा।


बारिश और सर्द हवाओं ने मौसम का मिजाज एकदम से बदल कर रख दिया। धूप के तेवर जहां हल्के पड़ गए, वहीं अब तक कम महसूस हो रही गुलाबी ठंडक ने अपनी तीव्रता का अहसास कराया। लोग स्वेटर, जैकेट और शॉल ओढ़े नजर आए। छोटे बच्चे और बुजुर्ग दोपहर तक घरों के अंदर रहे। स्कूल में छात्रों की उपस्थित अन्य दिनों के मुकाबले कम रही।


गुरुवार देर रात से तेज हवाएं चलीं, जबकि शुक्रवार की सुबह बदली छाई रही। बूंदाबांदी के साथ सर्दी बढ़ गई। मौसम के एकदम से करवट लेने से अधिकतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस कम हो गया। सीएसए के मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आगामी तीन दिसंबर तक बूंदाबांदी के आसार हैं, जिससे ठंडक और अधिक हो जाएगी। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आद्र्रता 87 फीसद व न्यूनतम आद्र्रता 81 फीसद मापी गई। हवा की गति पांच किलोमीटर प्रतिघंटे रिकार्ड हुई। सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डॉ.नौशाद खान ने बताया मौसम में बदलाव की वजह से सर्दी बढ़ गई है। रात में बदली छाई रहने से न्यूनतम तापमान में वृद्धि हो सकती है। किसानों को सलाह देते हुए कहा कि मौसमी फसलों में सिंचाई करने से बचें।


वर्षा से किसान खुश : बारिश होने से किसानों के चेहरे भी खिल गए। गेहूं, चना और मटर, सरसों की बुआई कर चुके किसान खुश हैं। फसल की सिंचाई भी थोड़ा बहुत हो गई है। हालांकि वे किसान जरूर परेशान दिखे जिनके खेतों में अभी धान की फसल खड़ी है। बिल्हौर निवासी किसान अनिल यादव का कहना है कि गेहूं की सिंचाई होनी है। बारिश की एक- एक बूंद फसल के लिए अमृत की तरह है। फसल तेजी से बढ़ेगी। औरोताहरपुर के विकास ने कहा कि धान की फसल खेत में ही खड़ी है। अभी कटाई के लिए रुकना पड़ेगा क्योंकि बदली के कारण धान सूखेगा नहीं।