सरकार ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष योजना का दायरा बढाया
गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब तक चुनिंदा अस्पतालों में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष योजना के तहत इलाज मिलता था, जबकि अब इसके दायरे में सभी राजकीय चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज और राज्य सरकार के अनुदान से चलने वाले अस्पताल आएंगे। साथ ही इस योजना में इलाज के लिए निर्धारित धनराशि सीमा भी बढ़ा दी गई है।
कैबिनेट की बैठक मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई, जिसमें दस प्रस्ताव मंजूर किए गए। इनमें स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े अहम प्रस्ताव थे। सरकार के प्रवक्ता लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट के फैसलों का ब्योरा रखा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष योजना के तहत अब तक इस योजना में 24 हजार रुपये सीमा निर्धारित थी। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले (बीपीएल) परिवार के रोगी को 24 हजार रुपये तक का ही इलाज मिलता था, जबकि बीपीएल के मानक अलग हैं। ग्रामीण क्षेत्र में बीपीएल की सीमा 46 हजार तो शहरी क्षेत्रों में 56 हजार रुपये आय वार्षिक है। ऐसे में सरकार ने 24 हजार रुपये की सीमा को तर्कसंगत न मानते हुए संशोधित किया है। उन्होंने बताया कि अब इलाज की राशि सीमा बीपीएल की परिभाषा के लिए निर्धारित आय के बराबर होगी। पहले की तरह अब भी बीपीएल कार्ड अनिवार्य नहीं है। जिलाधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र भी मान्य होगा।