संतुलन से चलना होगा राज्यसभा को


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार कहा कि लोकतंत्र में संसद के उच्च सदन में चेक ऐंड बैलेंस का सिद्धांत अहम है, लेकिन विरोध और अवरोध के बीच भेद किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन उसे रोकने का प्रयास नहीं होना चाहिए, दोनों के बीच एक संतुलन होना चाहिए।


राज्यसभा के 250वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सदन की प्रासंगिकता और उपयोगिता की प्रशंसा की। साथ ही आगाह भी किया कि संघीय ढांचे और विविधताओं से भरे होने के बावजूद राज्यसभा में राष्ट्रीय दृष्टिकोण ओझल नहीं होना चाहिए। ध्यान रहे कि पिछले सत्र को छोड़ दिया जाए तो कई सत्रों में राज्यसभा सरकार के लिए बड़ी बाधा रही है, पिछले सरकार में उसके चलते कई अहम बिल अटक गए थे। ऐसे में जब प्रधानमंत्री ने राज्यसभा की महत्ता का वर्णन किया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए कहा कि राज्यसभा दूसरा सदन जरूर है लेकिन दोयम नहीं, तो उन्होंने उसकी भूमिका का भी अहसास कराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों का प्रतिनिधित्व होने के कारण राज्यसभा यह सुनिश्चित करती है कि केंद्रीय नीतियों में राज्यों के हितों की अनदेखी नहीं होने पाए।