राष्ट्रपति : प्रदुषण बहुत बड़ा है चिंता का विषय

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि कानपुर में प्रदूषण की सूचना मिलती रहती है। इससे मुझे चिंता होती है। अक्सर सुनता हूं कि कानपुर कभी देश का सबसे प्रदूषित शहर हो गया तो कभी विश्व के प्रदूषित शहरों की सूची में नाम आने लगता है। ये बातें उन्होंने नगर निगम के विशेष सदन में आयोजित नागरिक सम्मान कार्यक्रम के दौरान कहीं।



कानपुर : देश के बढ़ते प्रदूषण पर राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद ने चिंता जताई है। दो दिवसीय प्रवास पर कानपुर आए राष्ट्रपति ने कहा कि प्रदूषण सबकी चिंता का विषय है। उन्होंने प्रदूषण के कारकों पर ध्यान खींचा, इससे निपटने के उपाय बताए। प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (पीएसआइटी) में रीसेंट एडवांसमेंट इन कंप्यूटर साइंस कम्युनिकेशन एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी पर इंटरनेशनल कांफ्रेंस में कहा, तकनीकी क्रांति की हमें बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी है। कानपुर का वायु प्रदूषण जीवंत उदाहरण है। तकनीकी ईजाद करते वक्त पर्यावरण का ध्यान रखते हुए मानव के हित में इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इस बात पर भी जोर दिया कि देश में पांच टिलियन डॉलर की अर्थव्यस्था के लक्ष्य में तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।


नगर निगम के विशेष सदन में भी राष्ट्रपति ने प्रदूषण का मुद्दा उठाया। कहा कि वर्ष 2017 में उन्हें ईश्वरीगंज में स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत करने का मौका मिला था। पता चला है कि नगर निगम अब इस अभियान को व्यापक स्तर पर चला रहा है। इन सबके बावजूद दिल्ली में अखबारों के माध्यम से कानपुर के प्रदूषित शहरों में शामिल होने की खबर मिलती रहती है। यह हर किसी की चिंता का विषय है, मैं दिल्ली में हूं तो मेरे लिए भी, सांसदों-मंत्रियों और हर नागरिक के लिए भी। हालांकि उन्होंने संतोष जताया कि टेनरियों व सीवर से निकलने वाले अपशिष्ट और कचरे के समुचित निस्तारण की दिशा में काम चल रहा है। बोले, नई तकनीक से इसे और कम किया जा सकता है। इंट्रीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट फार एनर्जी तकनीक का इस्तेमाल करके कचरे से बिजली बनाई जा सकती है। दिल्ली की तरह इमारतों के मलबे की रिसाइकिलिंग करके उत्पाद बनाए जा सकते हैं। इससे पहले यहां महापौर प्रमिला पांडेय ने उन्हें शहर की चाबी सौंपी।