कुलभूषण जाधव जैसी साजिश कर रहा पाकिस्तान भारतीयों के साथ

पाकिस्तान में पकड़े गए दो भारतीयों के साथ क्या वहां की एजेंसियां कुलभूषण जाधव जैसा ही कुछ करना चाह रही हैं? अभी तक पाकिस्तान की जांच एजेंसियां जिस तरह का व्यवहार कर रही हैं उसे देखते हुए इस बात की आशंका मजबूत हो रही है। प्रशांत वैंदन और बारेलाल की गिरफ्तारी की जानकारी पाकिस्तान की तरफ से सोमवार को सार्वजनिक किया गया, जबकि भारत ने कम से कम एक वर्ष पहले ही इनके गलती से पाकिस्तान सीमा में घुस जाने की जानकारी वहां की सरकार को दे दी थी। पाकिस्तान ने इसकी जांच भी की और सही पाया, जिसके बाद उन्हें छोड़ने की सूचना भी भारत को दे दी थी। प्राप्त सूचना के मुताबिक उक्त दोनों को 5 अगस्त, 2019 को रिहा भी किया जाना था लेकिन उसी दिन भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया और पाकिस्तान का रवैया बदल गया है। अब भारत को शक है कि जिस तरह से अचानक पाकिस्तान सरकार की तरफ से इन दोनों की गिरफ्तारी की सूचना मीडिया में जारी की गई है उसके पीछे कोई गहरी साजिश है।


भारत ने पाकिस्तान से दोनों तक राजनयिक पहुंच और उनकी सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने को कहा है। अभी तक पाकिस्तान की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। दरअसल, जब से भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया है तभी से पाकिस्तान का रवैया पूरी तरह से बदला हुआ है। इससे पहले पाकिस्तान की तरफ से बताया गया था कि वह गलती से उसकी सीमा में घुस आए पांच भारतीयों और सैकड़ों भारतीय मछुआरों को छोड़ने की तैयारी में है। इनमें उक्त दोनों भारतीय भी थे। विदेश मंत्रलय के सूत्रों के मुताबिक उक्त दोनों को अटारी बॉर्डर पर लाया गया था लेकिन अब पाकिस्तान की एजेंसियां मामले को दूसरा रंग देने की कोशिश कर रही हैं। विदेश मंत्रलय के अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 2016 से 2017 के बीच राजस्थान के रामदास और पंजाब के जस्सी सिंह के भी पाकिस्तान की सीमा में गलती से प्रवेश कर जाने की संभावना है।