हैलट अस्पताल में समय पर दवाओं की आपूर्ति नहीं कर पा रहीं कंपनियां
हैलट अस्पताल में दवाओं की सप्लाई कर रहीं कंपनियां बड़ा खेल कर रही हैं।
हैलट अस्पताल में दवाओं की सप्लाई कर रहीं कंपनियां बड़ा खेल कर रही हैं। टेंडर में शामिल एक भी कंपनी समय से दवा नहीं दे पा रही है। अस्पताल में दवाओं के ऑर्डर के तीन महीने तक सप्लाई का इंतजार करना पड़ रहा है। अगर किसी दवा की इमरजेंसी में जरूरत पड़ जाए तो दवाओं की आपूर्ति का कोई विकल्प भी नहीं है।
अस्पताल प्रशासन द्वारा पड़ताल की गई तो पता चला कंपनियां अस्पताल से ऑर्डर लेने के बाद दूसरी कंपनियों को ऑर्डर देकर दवा बनवाती हैं। इससे सप्लाई में देरी हो रही है। दरअसल बजट को लेकर जब पड़ताल शुरू हुई तो यह खुलासा हुआ। पता चला कि दवाओं के मद में अभी बजट उपलब्ध है। छानबीन से पता चला कि वास्तव में कंपनियों को दवाओं के ऑर्डर जा चुके हैं, मगर आपूर्ति नहीं हो पाई। कंपनियों को चेक भी दिए जा चुके हैं।
अधिकारियों के मुताबिक कई कंपनियों के बारे में जानकारी मिली है कि कानपुर में उनका सेंटर नहीं है। वह दूसरे प्रदेशों में सेंटर की बात कह रही हैं। जानकारी पर पता चला कि टेंडर वाली कंपनियां सिर्फ ट्रेडिंग कर रही हैं। इसलिए दवाएं समय से उपलब्ध नहीं करा पाती हैं। प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि दवाओं की समय से सप्लाई हो तो समस्या नहीं होगी। कंपनियों को अपनी शर्तों में भी ढील देना होगा। कंपनियों के लिए इस बार कई नए कड़े नियम बनाए जाएंगे।