दूर करेगा बैक्टीरिया को नैनो एयर फिल्टर

देश का पहला धोकर इस्तेमाल किए जाने वाला नैनो एयर फिल्टर बनाया है।



कानपुर घर में वायरस होगा, न बैक्टीरिया। सांस भारी करने वाले धूल कण परेशान नहीं करेंगे तो धुआं भी आंखों में नहीं लगेगा। न सपना है न दिलासा। जी हां, धूल-धुआं दूर करने वाले एयर प्यूरीफायर अब वायरस और बैक्टीरिया भी दूर करेंगे, वह भी कम खर्च में। इसे संभव किया है, कानपुर आइआइटी के पूर्व शोध छात्र और उनके इंजीनियर मित्र ने। दोनों ने देश का पहला धोकर इस्तेमाल किए जाने वाला नैनो एयर फिल्टर बनाया है। प्रयोगशाला और बाहर हुए कई सफल प्रयोग के बाद इसका पेटेंट फाइल किया गया है।


आइआइटी से केमिकल इंजीनियरिंग नैनो टेक्नोलाजी में शोध करने वाले डॉ. संदीप पाटिल व यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी जलगांव से नैनो टेक्नोलॉजी में एमटेक करने वाले नितिन चरहाटे ने नैनो फाइबर तकनीक से 'नैनो फिल्टर मीडिया' बनाया है। इसे किसी भी एयर प्यूरीफायर में लगा सकते हैं। दो साल के शोध में तैयार इस फिल्टर में पॉलिएस्टर, सेल्यूलोज पेपर व नैनो फाइबर कोटिंग की गई। इसे धोकर पांच-छह बार प्रयोग कर सकते हैं जबकि मौजूदा एयर प्यूरीफायर के कार्टिज में ग्लास फैब्रिक फिल्टर प्रयोग करते हैं। धो न सकने के कारण इसे बदलना पड़ता है।


नितिन बताते हैं, नैनो फिल्टर शहरी क्षेत्र के प्रदूषण को ध्यान में रखकर बनाया गया है। अलग-अलग स्थानों पर हुए प्रयोग में सकारात्मक परिणाम मिले हैं। नैनो फिल्टर, ग्लास फैब्रिक फिल्टर की अपेक्षा बेहद सस्ता 1500 से 2000 रुपये तक में अगले वर्ष तक उपलब्ध होगा।