अनुच्छेद 370 हटने के बाद लागू प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी यही पीठ सुनवाई करेगी।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी। अनुच्छेद 370 हटने के बाद लागू प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी यही पीठ सुनवाई करेगी।



सोमवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने कश्मीर में प्रतिबंधों के मामले में दाखिल सभी याचिकाएं इस पीठ को सुनवाई के लिए भेज दीं। सुप्रीम कोर्ट में कुल 12 याचिकाओं के जरिए अनुच्छेद 370 हटाने के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यी संविधान पीठ मंगलवार से इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल हैं।


अनुच्छेद 370 हटने के बाद से भारत का संविधान और कानून अब जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो गया है। इसके साथ ही देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले नागरिक को जम्मू कश्मीर में भी जमीन खरीदने बसने आदि के वही सारे अधिकार मिल गए हैं जो कि राज्य के स्थाई निवासी का दर्जा रखने वाले लोगों के पास थे। सुप्रीम कोर्ट में जिन 12 लोगों की याचिकाओं पर सुनवाई होगी उनमें मोहम्मद यूसुफ तारीगामी, रिफत आरा बट, मनोहर लाल शर्मा, फारूख अहमद डार, शकीर शबीर, शोएब कुरैशी, मोहम्मद अकबर लोन, इंदर सलीम उर्फ इंदर जी टिक्कू, राधा कुमार, शाह फैजल, मुजफ्फर इकबाल खान, जम्मू कश्मीर पीपुल्स कान्फ्रेंस की याचिकाएं शामिल हैं। याचिकाओं में अनुच्छेद 370 हटाने की प्रक्रिया को असंवैधानिक घोषित करने और राष्ट्रपति के आदेश को रद करने की मांग की है।बच्चों का मामला हाई कोर्ट भेजा : प्रधान न्यायाधीश ने नाबालिग बच्चों को हिरासत में लेने के मामले से जुड़ी याचिकाओं को आगे की सुनवाई के लिए जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के पास भेज दिया। प्रधान न्यायाधीश ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद यह फैसला किया। फारूक अब्दुल्ला पर वाइको की याचिका खारिज : सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को कोर्ट के समक्ष पेश करने की सांसद वाइको की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस पर सुनवाई की जरूरत नहीं है। फारुख अब्दुला पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में हैं।