इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव से मिले गौरव अहलूवा
आईएनएक्स मीडिया केस में सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को कुछ राहत मिली।
सीबीआई कस्टडी की खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चिदंबरम से कहा कि वे निचली अदालत में अपील करें। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर निचली अदालत में अंतरिम जमानत की याचिका स्वीकार नहीं होती है, तो कोर्ट सीबीआई कस्टडी को तीन दिन के लिए बढ़ा दे। ऐसी स्थिति में पी. चिदंबरम तिहाड़ जेल जाने से बच जाएंगे। . पी. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम की पुलिस रिमांड और गैर-जमानती वारंट जारी करने के खिलाफ सुनवाई के दौरान कहा- वह (चिदंबरम) एक 74 एक 74 वर्षीय व्यक्ति है, उनको हाउस अरेस्ट रखा जाए, किसी को कोई पूर्वाग्रह नहीं रहेगा।% जिसके बाद सप्रीम कोर्ट ने सीनियर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को अतंरिम जमानत के लिए संबंधित कोर्ट जाने कहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि पी चिदंबरम को तिहाड़ जेल नहीं भेजा जा सकता और अगर ट्रायल कोर्ट उनकी जमानत याचिका खारिज करता है तो चिदंबमर की सीबीआई कस्टडी गुरुवार तक बढ़ा दी जाएगी।आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में बीते शुक्रवार को दिल्ली की सीबीआई अदालत ने पर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की हिरासत अवधि तीन दिनों के लिए बढा दी थी, जिसकी वजह से उन्हें दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रखा गया है। इससे पहले चिदंबरम को कोर्ट ने चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा था। जब इसकी अवधि खत्म हो गई, तब फिर से सीबीआई ने रिमांड की अवधि बढ़ाने की मांग की और कोर्ट ने 2 सितंबर तक के लिए सीबीआई की मांग मान ली थी। इससे पहले चिदंबरम को उनकी चार दिनों की सीबीआई हिरासत समाप्त होने के बाद विशेष न्यायाधीश कहाड के समक्ष पेश किया गया था। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अनुसंधान जांच अधिकारी का विशेषाधिकार है और कई दस्तावेज है जिन्हें आरोपी को दिखाना है। इन सबके लिए अधिक समय दिए जाधव जाने की आवश्यकता है। इन सबके मद्देनजर आरोपी को दो सितंबर तक पुलिस रिमांड में भेजा जाता है। हालांकि, सीबीआई ने हिरासत अवधि पांच दिन के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया था। 73 साल के पी चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन उन्हें अदालत में पेश किया गया था। उसके बाद से वह सीबीआई हिरासत में हैं। 21 अगस्त की रात चिदंबरम को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनसे आठ दिन हिरासत में पूछताछ की जा चुकी है। चिदंबरम के पुत्र कार्ति भी अदालत में मौजूद थे ।हिरासत अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए एजेंसी ने कहा कि हरसंभव प्रयासों के बाद भी जांच उनके से मिले गौरव असहयोगात्मक रवैए के कारण पूरी नहीं हो सकी। सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज ने कहा कि चिदंबरम से आंशिक रूप से पूछताछ की गयी है तथा उन्हें और दस्तावेज दिखाने हैं ।न्यायाधीश ने सीबीआई से सवाल किया कि उसे क्यों चिदंरबम से पांच दिन और पूछताछ करने की जरूरत है। उन्होंने केस डायरी भी दिखाने को कहा। जब एएसजी ने उनसे कहा कि काफी दस्तावेज हैं तो न्यायाधीश ने कहा, %%आप दस्तावेजों की संख्या से अवगत थे, आपने पहली बार सिर्फ पांच दिनों की हिरासत अवधि की ही क्यों मांग की, दूसरी बार भी आपने सिर्फ पांच दिन ही मांगा। यह रूख क्यों नटराज ने जवाब दिया कि यह इस बात पर निर्भर था कि चिदंबरम सवालों के जवाब किस प्रकार देते हैं।न्यायाधीश ने केस डायरी पर गौर करने के बाद कहा कि आपने हिरासत में और पूछताछ के लिए जो आधार दिया है, वह अस्पष्ट है।अदालत ने कहा कि सीबीआई को हिरासत में पूछताछ के लिए पहली बार में हर साल ही 15 दिनों की मांग करनी चाहिए थी। सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम सीधे जवाब नहीं दे रहे हैं हालांकि उनसे हर दिन 8-10 घंटे पूछताछ की गई ।एएसजी ने कहा कि उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने का आधार है। उन्होंने आगे कहा कि चिदंबरम ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष सहमति व्यक्त की थी कि अगर सीबीआई की हिरासत सोमवार तक बढ़ा दी जाती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है ।दलीलों पर गौर करते हुए अदालत ने चिदंबरम के वकील डी कृष्णन और सीबीआई से चर्चा करने और निर्णय करने को कहा कि कितनी हिरासत अवधि की आवश्यकता है। अप्रसन्ना न्यायाधीश ने कहा, इस अदालत की क्या जरूरत है?कृष्णन ने कहा कि अब तक 55 घंटे पूछताछ हुई है और पैसों के लेनदेन के बारे में एक भी दस्तावेज नहीं था। उन्होंने कहा कि जांच भी उचित तरीके से नहीं हो रही है तथा तीन फाइलें चिदंबरम को 20 बार दिखाई जा चुकी हैं। उन्होंने दावा किया गया कि पैसों के लेनदेन के बारे में कोई दस्तावेज नहीं दिखाया गया। चिदंबरम के भादो वकील ने कहा कि तीन फाइलें 20 से अधिक बार दिखाई गई और हर सवाल का जवाब दिया गया है ।सीबीआई ने इस दलील का विरोध किया था और कहा कि पैसे के लेनदेन का मामला इस एजेंसी के लिए नहीं है।जब अदालत ने चिदंबरम के वकील से पूछा कि क्या वह पुलिस हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि कई आपत्तियां हैं।अदालत के एक विशिष्ट प्रश्न पर वकील ने कहा कि चिदंबरम को सोमवार यानी दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेजा जा सकता है। चिदंबरम के वकील ने कहा, %%चूंकि मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है, इसलिए मैं सोमवार तक हिरासत में रहने को तैयार हूं। हालांकि, चिदंबरम ने खुद कहा कि वह पुलिस हिरासत के लिए सीबीआई के अनुरोध का विरोध करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें हिरासत में रखने और एक ही सवाल पछने का कोई औचित्य नहीं है। एएसजी ने चिदंबरम के खुद बोलने पर आपत्ति जताई। बता दें कि चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को उनके जोरबाग स्थित आवास से गिरफ्तार किया.