हृदय रोग संस्थान के निदेशक पर मुकदमा

    डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप


इलाज में लापरवाही से मौत का आरोप लगाते हुए कालपी (जालौन) के एक मरीज के परिजनों ने मंगलवार रात हृदय रोग संस्थान के निदेशक डॉ. विनय कृष्ण, डॉक्टर अवधेश शर्मा, ड्यूटी डॉक्टर, ईको लैब टेक्नीशियन और कर्मचारियों के खिलाफ स्वरूपनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मुकदमे में लापरवाही से मृत्यु कारित करने की धारा 304 ए लगाई है।


                रायपुरवा कारवालो नगर स्थित केशव भवन निवासी गजेंद्र सिंह कालपी (जालौन) के सैतपुर गांव निवासी अपने मौसा बलवीर सिंह को चेकअप के लिए 11 सितंबर की दोपहर 12 बजे हृदय रोग संस्थान लाए थे। गजेंद्र के मुताबिक ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने हार्टअटैक की बात बताकर मौसा को डॉ. उमेश्वर पांडेय के अंडर में भर्ती कर लिया। 12 सितंबर को निदेशक डॉ. विनय कृष्ण के निर्देशन में डॉ. अवधेश शर्मा ने ऑपरेशन कर दो स्टंट डाले। उसके बाद 13 सितंबर को करीब 11 बजे मौसा को ईको टेस्ट कराने पैदल ही बिना वार्ड ब्वॉय के ईको लैब भेज दिया गया। वहां दो घंटे तक मौसा को स्टूल पर बैठाए रखा गया। उन्हें दर्द उठा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसी बीच जहां स्टंट डाले गए थे, वहां से खून बहने लगा। मौसा की हालत बिगड़ गई और उन्हें दोबारा अटैक पड़ गया। तुरंत परिजन उन्हें इमरजेंसी लाए।


परिजनों के मुताबिक इमरजेंसी में ड्यूटी डॉक्टर ने डॉ. विनय कृष्ण व डॉ. अवधेश से बात कर खून पतला करने के लिए 45-45 हजार रुपये कीमत के इंजेक्शन मंगाए और एक साथ तीन इंजेक्शन लगा दिए। इंजेक्शन की ओवरडोज की वजह से मरीज को ब्रेन हैमरेज हो गया। अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन होने के बावजूद ड्यूटी डॉक्टर ने कहा कि सुबह नौ बजे सीटी स्कैन होगा। लेकिन इससे पहले ही सात बजे मरीज की मौत हो गई।